Wednesday, September 24, 2014

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नवरात्री स्पेशल माता के चमत्कार :: Navratri Special Mata Kai Chamatkar

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दुनिया की सबसे सक्षम 5 सेनाओं में एक भारतीय सेना का तन्नौट माता से कुछ अनूठी रिश्ता है। जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर भारत-पाक सीमा पर स्थित एक मन्दिर में तन्नौट माता विराजमान है। जानकारी के मुताबिक, 1965 के युद्ध में पाक सेना के 3000 से भी अधिक गोलों को बेअसर कर भारतीय सेना को बचाया था। कहा जाता है कि उस समय पाक सेना मन्दिर के आस-पास जितने भी गोला-बारूद फेंके उनमें से एक भी नहीं फटा।

कहा जाता है भाटी राजपूत राजा तनु राव ने संवत 847 में जब तन्नौट को अपनी राजधानी बनाया था, उसी समय इस मन्दिर की नींव रखी गई। बीएसएफ जवानों के अनुसार, अक्टूबर 1965 में पाकिस्तान ने जैसलमेर पर हमला कर दिया। उस समय तन्नौट माता ने सेना के कुछ जवानों को स्वप्न में दर्शन देकर उन्हें रक्षा का आश्वासन दिया। जब पाकिस्तान ने किशनगढ़ और साढ़ेवाला पर कब्जा कर तन्नौट पर भारी बमबारी की, तो वहां मां के आशीर्वाद से वहां दागे गए बम या तो फटे ही नहीं या फिर खुले में जाकर ब्लास्ट हो गए। इसके उपरांत वहां भारतीय सेना की एक टुकड़ी आ पहुंची और पाक सेना को भागने पर मजबूर होना पड़ा।


इसके बाद वर्ष 1971 में भी जब पाक सेना ने रात के समय अपनी टैंक रेजीमेंट के साथ भारत की लोंगेवाला चौकी पर हमला किया, तो वहां पर बीएसएफ और पंजाब रेजीमेंट की एक-एक कम्पनी तैनात थी। बीएसएफ जवानों के अनुसार, तन्नौट मां के आशीर्वाद से सेना ने सभी आक्रमणकारी टैंकों को खत्म कर दिया और सुबह भारतीय वायु सेना ने भी हमला कर दिया। लोंगेवाला का युद्ध पूरे विश्व का अपने तरह का अकेला युद्ध था जिसमें आक्रमणकारी सेना का एकतरफा खात्मा हो गया। इसके बाद भारतीय सेना ने यहां पर विजय स्तंभ का निर्माण करवाया और सुरक्षा बलों ने मन्दिर की जिम्मेदारी पूरी तरह से अपने हाथ में ले ली। मंदिर में एक संग्रहालय मेंं वे गोले रखे हुए हैं। यहां प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है।
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